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हर साल की तरह इस बार भी ठण्ड की शुरुआत होने के पहले ही देश की राजधानी नई दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है , स्विस एजेंसी IQAir की नयी रिपोर्ट के अनुसार नयी दिल्ली विश्व के शीर्ष प्रदूषित शहर की सूची में तीसरे स्थान पर AQI 525 के साथ बना हुआ है| इस मामले के मद्देनज़र दिल्ली में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के भारत की सर्वोच्च अदालत ने राज्यों को दिया आदेश की ना जलाने दे किसानो को खेतों में पराली , दिल्ली और आस पड़ोस के राज्य के किसान फसल कट जाने के बाद बचे हुए पराली और फ़सल काटने के बाद बचे अवशेष को जला देते हैं जिससे निकले धुआं और गाड़ियों , फैक्ट्री से निकले धुआँ ,निर्माणाधीन भवन से निकले धूल इसमें मुख्यतः कारक हैं|

, पिछले वर्षो में भी अदालतो ने इसी प्रकार के आदेश जारी किये लेकिन जिनका प्रभाव सिमित था, क्योंकि राज्य अधिकारी जुर्माने के बावजूद जलने पर नियंत्रण करने में असमर्थता की रिपोर्ट करते थे और कभी-कभी अधिकारियों के प्रति किसानों की आक्रमता के कारण।

दिल्ली ने स्थानीय निर्माण रोक दिया है,डीजल बसें के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है , प्राथमिक विद्यालयों को 10 नवंबर तक बंद कर दिया है और प्रदूषण से लड़ने के लिए अगले सप्ताह वाहनों के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाएगा , लेकिन दिल्ली सरकार चाहती है कि उसके पड़ोसी राज्य फसल अवशेष या पराली जलाने पर नियंत्रण रखें। मंगलवार दोपहर 2 बजे, वास्तविक समय वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 था, जिसे स्विस समूह IQAir द्वारा ‘खतरनाक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा, “हम पंजाब और दिल्ली से सटे राज्यों – हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश – को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि फसल (अवशेष) जलाना तुरंत बंद हो। पंजाब और हरियाणा में किसान आमतौर पर गेहूं की फसल बोने से पहले अपने खेतों को जल्दी से खाली करने के लिए अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में चावल की कटाई के बाद बचे फसल के अवशेषों को जला देते हैं।

केंद्र सरकार की वायु-गुणवत्ता निगरानी एजेंसी SAFAR के अनुसार, इस प्रथा का वर्षों से पालन किया जा रहा है और परिणामी धुआं आमतौर पर दिल्ली के अक्टूबर-नवंबर प्रदूषण में 30% से 40% के लिए जिम्मेदार है।केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को समर्थन देने और उन्हें इस प्रथा के खतरों का एहसास कराने के लिए बेहतर कटाई मशीनों और पराली डीकंपोजर पर सब्सिडी की पेशकश कर रही हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में कम हो गई है लेकिन अभी भी एक प्रमुख मुद्दा है।

न्यायमूर्ति कौल ने राज्यों के मुख्य सचिव की निगरानी में अदालत के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन प्रभारी को जिम्मेदार बनाया, निगम ने वायु दूषित करने वाले रोड़ी, रेत, डस्ट जैसे सामान को खुले में बिक्री करने पर प्रतिबंध लगाया है। निगम के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर किसी भी दुकानदार ने अपनी दुकान के बाहर खुले में सामान बेचा तो उस पर 1 लाख का जुर्माना लगा दिया जाएगा।

नगर निगम ने वायु प्रदुषण करने वाले रोड़ी , रेत डस्ट जैसे सामान खुले में बेचने म्पर प्रतिबन्ध लगाया है निगम के अधिकारियों ने चेतावनी दी है की अगर कोई भी दुकानदार बहार कोई सामान बेचे तो अवश्य सूचित करें ,भवन के निर्माण पे रोक लगा दी गयी है और बिल्डिंग मैटेरियल का सामान सड़क पर ना हो ,पराली, कूड़ा या अन्य कोई भी सामान ना जलाएं, अगर कोई सामान जलता दिखाई दे तो तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित करें।दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए ओड और इवन को लागू किया है , अगर कोई भी इसका उलंघन करता पाया जायेगा तो उस पर 20000 का जुर्माना लगाया जायेगा।

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